
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता – National Youth Day Poem in Hindi 2019 | Rastriya Yuva Diwas par Kavita
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता :- यह दिवस स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के उलक्ष्य में मनाया जाता है, युगपुरुष, वेदांत दर्शन के पुरोधा, मातृभूमि के उपासक, विरले कर्मयोगी, दरिद्रनारायण मानव सेवक, तूफानी हिन्दू साधु, करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत व प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता (आधुनिक नाम कोलकाता) में पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। वास्तव में स्वामी विवेकानन्द आधुनिक मानव के आदर्श प्रतिनिधि हैं। विशेषकर भारतीय युवकों के लिए स्वामी विवेकानन्द से बढ़कर दूसरा कोई नेता नहीं हो सकता। हम आज के दिन इस अवसर पर सभी भइओ और बहेनो के लिए इस पोस्ट राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता, National Youth Day Poem in Hindi 2019, Rastriya Yuva Diwas par Kavita के माध्यम से जागरूक करना चाहते है.
Rastriya Yuva Diwas par Kavita in Hindi
किसी शायर ने कहा है-
‘युवाओं के कंधों पर युग की कहानी चलती है।इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर ये जवानी चलती है।
Rastriya Yuva Diwas par Kavita
अपने मस्तिष्क को ऊंचे विचारों और उच्चतम आदर्शों से भर दो। इसके बाद आप जो भी कार्य करेंगे वो महान होगा
—स्वामी विवेकानंद
Rastriya Yuva Diwas par Kavita
युवा दिवस तालियों से नहीं,
बहुत हौशलों से मनाओ |
जीवन सम्हालने की एक,
जीवन में नया रह बनाओ |
मिठाइयां खाने और खिलने,
से नहीं सम्हलती है जिंदगी |
केवल सोचने अनुमान से नहीं,
बदलती है ये अपनी जिंदगी |
सूरज जैसे ही है चमकना,
चंदा की तरह शीतल करना |
राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता
जब एकजुट होता है हमारा युवा
हर बाधा, हर बाधा
हर रास्ता सुचारु हो जाता हैजब एक कोरस में यह बोलता है
सभी बीमार आवाज और इच्छा
भयभीत स्क्वीज़ के साथ छिप जाओजब यह एकजुट होकर बाहर निकलता है
हर पत्थर रास्ते को प्रशस्त करता है
आगामी पूर्णता के लिएजब यह एक साथ हाथ मिलाता है
अनंत आकाश देने के लिए झुकता है
उड़ते उड़ते नित नए पंखयुवाओं को अब याद रखना चाहिए
नवाचार पर इसकी वास्तविक शक्ति
विकसित करने, बनाने और आश्चर्य करने के लिए
National Youth Day Poem in Hindi
कविता:-जागो हर एक देशवासी
लेखक:-युधिष्ठिर महतो(कुमार युडी)जागो मेरे संगी साथी,
जागो हर एक देशवासी,
तुम ही जो बना सकता हैं,
अपने देश को स्वर्ग,
जागो मेरे संगी साथी,
जागो हर एक देशवासी।।तुम क्यों भटक रहे हो,
अंधकार में यहाँ-वहाँ,
तुम क्यों नहीं निकलते,
ज्ञान की खोज में,
बस तुम इन भौतिक चीज़ो के बारे में,
सोचते रह जाते हो,
आगे बढ़ो तुम्हारी,
इस जहाँ को जरूरत हैं,
जागो मेरे संगी साथी,
जागो हर एक देशवासी।।तुम मत भूलो कि,
तुम उस देश में रहते हो,जहाँ कई महापुरुषों ने जन्म लिया,
उन्होंने इस समाज के खातिर,
बहुत कुछ हैं किया,
तुम में भी वो शक्ति हैं,
अपने आप को जगाओ,
जागो मेरे संगी साथी,
जागो हर एक देशवासी।।
National Youth Day Poem in Hindi 2019
राष्ट्रीय युवा दिवस 2019 के उपलक्ष में प्रस्तुत है
स्वामी विवेकानंद द्वारा रचित एक ओजपूर्ण कविता ‘रहो सदृढ़ हे हृदय-वीर’ का हिंदी में अनुवाद:बादल जब छाये सूरज पर ,
अम्बर भी बरसाए पीर ,
रहो अपितु दृढ , ह्रदय वीर,
विजय तुम्हारी है निश्चित .बाद शरद के आता ग्रीष्म ,
हवा सदा ही लहर बनाती ,
बढ़ते आगे धूप -छाओं से ;
सतत बढ़ो फिर आगे वीर !जीवन -कर्म जटिल निश्चित ही ,
और यहाँ के सुख भ्रम मात्र ,
मंजिल लगती दूर ,धुंधली सी ,
बढ़ो, चीर तम , ह्रदय वीर .
अपनी पूरी शक्ति सहित .लेश कर्म भी न खोएगा ,न संघर्ष ,
आशाएं धूमिल हो चाहें शक्ति जाए ;
जन्मेंगे तुम से भविष्य के कर्ता धर्ता ,
रहो अतः फिर दृढ , ह्रदय वीर,
मंगल कर्म न जाते व्यर्थ .भद्र और बुद्ध यद्यपि कम ,
वे ही पर बनते अधिनायक ,
जन साधारण देर से समझे ;
भ्रष्ट न हो और बढ़ते जाओ .संग तुम्हारे सिद्ध अनेकों ,
संग तुम्हारे शक्ति मान ,
धन्य -मान तुम,महा आत्म हो ,
तुम्हे मिलें सारे आशीष !साभार: मंजुला सक्सेना, कविता कोष में प्रकाशित